Khamoshi Teri Mujhpe Barasti Hai
खामोशी तेरी मुझपे बरसती है मेरी हर आह तेरा दर्द समझती है, मालूम है की मज़बूर है तू, फिर भी मेरी नज़र तेरे दीदार को तरसती है…
खामोशी तेरी मुझपे बरसती है मेरी हर आह तेरा दर्द समझती है, मालूम है की मज़बूर है तू, फिर भी मेरी नज़र तेरे दीदार को तरसती है…