Sangat Ka Farak
“पानी की एक बून्द गर्म तवे पर पड़े तो मिट जाती है.. कमल के पत्तेपर गिरे तो, मोती की तरह चमकने लगती है.. सीप में आये तो खुद मोती ही बन जाती है.. पानी की बूँद तो वही है, बस संगत का फरक है !!”
“पानी की एक बून्द गर्म तवे पर पड़े तो मिट जाती है.. कमल के पत्तेपर गिरे तो, मोती की तरह चमकने लगती है.. सीप में आये तो खुद मोती ही बन जाती है.. पानी की बूँद तो वही है, बस संगत का फरक है !!”