Dua Hai Hamari Ki
परिंदे भी शर्माए तुम्हारी ऐसी उड़ान हो, फूल भी जल जाये तुम्हारी ऐसी मुस्कान हो, दुआ है हमारी की तुम कदम रखो जहां, वह मंजिल भी तुम पर मेहरबान हो…
परिंदे भी शर्माए तुम्हारी ऐसी उड़ान हो, फूल भी जल जाये तुम्हारी ऐसी मुस्कान हो, दुआ है हमारी की तुम कदम रखो जहां, वह मंजिल भी तुम पर मेहरबान हो…