Chahat Par Aitbaar Na Raha
चाहत पर अब ऐतबार ना रहा, खुशी क्या है यह एहसास ना रहा, देखा है इन आँखों ने टूटे सपनों को, इसलिए अब किसी का इंतजार ना रहा…
चाहत पर अब ऐतबार ना रहा, खुशी क्या है यह एहसास ना रहा, देखा है इन आँखों ने टूटे सपनों को, इसलिए अब किसी का इंतजार ना रहा…