Apna Banakar Bhula Raha Hai Koi
अपना बनाकर भुला रहा है कोई, ख्वाब दिखा कर रुला रहा है कोई, उसकी मौजूदगी से चलती है मेरी साँसे, ये जानते हुए भी दूर जा रहा है कोई…
अपना बनाकर भुला रहा है कोई, ख्वाब दिखा कर रुला रहा है कोई, उसकी मौजूदगी से चलती है मेरी साँसे, ये जानते हुए भी दूर जा रहा है कोई…