Daulat Ki Bhuk Aisi Lagi Ki

दौलत की भूख ऐसी लगी की कमाने निकल गए! जब दौलत मिली तो हाथ से रिश्ते निकल गए! बच्चों के साथ रहने की फुरसत ना मिल सकी! फुरसत मिली तो बच्चे कमाने निकल गए! वाह रे जिंदगी…!

Juban Sambahl Ke Rakho

‘इंसान’ एक दुकान हैं, और ‘जुबान’ उसका ताला.. ताला खुलता हैं, तभी मालुम होता हैं कि, दुकान सोने की हैं, या कोयले की…

Jindagi Hasin Hai Isase Pyar Karo

जिंदगी हसीन है, इससे प्यार करो, हो रात तो सुबह का इंतजार करो, वो पल भी आएगा, जिसका है इंतजार, रब पर भरोसा और वक्त पे ऐतबार करो…

Zindagi Ek Khel Hai

ना हारना जरूरी है, ना जितना जरूरी है, ये ज़िंदगी एक खेल है, खेलना जरुरी है…!